नवकार मंत्र : नमो अरिहंताणम । नमो सिद्धाणं । नमो आयरियाणं । नमो उवज्जायाणम । नमो लोए सव्व साहूणम । एसो पंच नमुक्कारो, सव्व पावप्पणासणों । मंगलाणम च सव्वेसिं, पढमं हवई मंगलं ।

कौन हूँ मैं

मैं जिनशरणं हूँ, सुकून और शाति का अदभूत संगम हू ँ। मुझ से भवसागर तिरने का रास्ता मिलता है। मेरी माटी का जो स्पर्श करता है, अनायास ही बर्हि यात्री अंर्तयात्री हो जाता है। यह अपान्वेषी हो जाता है। प्राकृतिक सौंदर्य की बात करो तो मेरे चारों तरफ दूर दूर तक हरियाली ही हरियाली है। और वर्षाकाल में तो मेरी छटा ही निराली हो जाती ह ै। लोग मुझमें अल्प विश्राम करने आते हैं और चिरंतन ठहराव ढूंढने लगते है, जो भी मेरे दर तक आता है, वह ज िनशरणं गच्छामि कहता है और मेरी अनुभूति करके जिन शरणं पळज्जामि में पहुँच जाता है, क्योंकि मैं जि नशरणं हूँ।

महोत्सव

गर्भ कल्याणक   शनिवार 17 फरवरी 2024
जन्म कल्याणक   रविवार 18 फरवरी 2024
तप कल्याणक   सोमवार 19 फरवरी 2024
केवलज्ञान कल्याणक (पूर्व रूप) मंगलवार 20 फरवरी 2024
केवलज्ञान कल्याणक (उत्तर रूप) बुधवार 21 फरवरी 2024
मोक्ष कल्याणक   गुरुवार 22 फरवरी 2024